13/11/2018
जानिए च्यवनप्राश के फायदे, नुकसान और इस्तेमाल के तरीके
च्वनप्राश क्या होता है
आयुर्वेद में च्यवनप्राश की बड़ी महत्ता बताई गई है। यह एक ऐसा आयुर्वेदिक औषधि है जो बच्चे से लेकर बूढ़े सबको रखता है निरोग। इसे बनाने के लिए 40-50 घटकों की जरूरत पड़ती है। लेकिन मुख्य घटक आंवला है।ताजा आंवला विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत होता है। इसे सुखाने या जलाने के बावजूद इसमें मौजूद विटामिन सी की मात्रा कम नहीं होती। च्यवनप्राश में औषधीय महत्व वाली लगभग 36 तरह की जड़ी-बूटियां होती हैं। केशर, नागकेशर, पिप्पली, छोटी इलायची, दालचीनी, बन्सलोचन, शहद और तेजपत्ता, पाटला, अरणी, गंभारी, विल्व और श्योनक की छाल, नागमोथा, पुष्करमूल, कमल गट्टा, सफेद मूसली सहित कई वनस्पतियां मिलाकर च्यवनप्राश तैयार किया जाता है।
च्यवनप्राश के फायदे
च्यवनप्राश खाने से कई फायदे होते हैं। च्यवनप्राश के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पाचन शक्ति बढ़ती है और याददाश्त तेज होती है।शरीर में नई ऊर्जा का संचार कर जल्द बुढ़ापा आने से रोकता है। रेस्पिरेटरी सिस्टम को मज़बूत करता है।जुकाम और संक्रमण से आपकी रक्षा करता है।आजकल खाने में कोलेस्ट्रोल की मात्रा ज्यादा होती है। इससे दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे युवकों में हृदयरोग होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें ऐसे हर्ब्स होते हैं जो शरीर से टॉक्सिन्स से निकालते हैं और ब्लड सरकुलेशन को बेहतर बनाते हैं।अनोखे हर्ब्स से बना होता है जो रक्त को साफ करके शरीर के नैचरल प्रोसेस को संतुलित करने में मदद करता है।
च्यवनप्राश के नुकसान
बारिश के दिनों में अक्सर हमारी पाचनक्रिया गड़बड़ा जाती है। इसलिए इस दौरान च्यवनप्राश खाने से परहेज करें क्योंकि यह भारी होता है जिससे अपच, एसिडिटी और कब्ज आदि की समस्या हो सकती है। आंवला के चलते कुच लोगों को लूज मोशन होने की शिकायत भी हो जाती है। इसमे शर्करा की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए मधुमेह के रोगी इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।